Sat. Apr 27th, 2024

वाराणसी। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मुक्त पंचायत अभियान की प्रक्रिया ज़ोरों से चल रही है। वाराणसी में आठ ब्लॉकों की कुल 46 ग्राम पंचायतों ने टीबी मुक्त होने का दावा सरकार के समक्ष पेश किया है। इसी के मद्देनजर जनपद की ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में स्वास्थ्य एवं पंचायती राज विभाग की गठित टीम ने पिंडरा की चिन्हित ग्राम पंचायतों के दावों का सत्यापन किया।

टीम में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ० पीयूष राय, स्टेट से नामित डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ सौरभ श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक संजय चौधरी, सहायक खंड विकास अधिकारी महेश चौबे, पंचायत सचिव, आईएमए बनारस शाखा सदस्य, एमओटीसी डॉ हेमंत, एसटीएस जगदीश नारायण सिंह, एसटीएलएस सुजीत वर्मा, टीबीएचवी अमन सिंह शामिल रहे। सत्यापन के दौरान टीम ने टीबी मरीजों के घर भ्रमण किया। टीबी मरीज के साथ घर के परिजनों से भी मुलाक़ात कर उनके उपचार व पोषण के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।

डीटीओ डॉ० पीयूष राय ने बताया कि पिंडरा की आठ ग्राम पंचायतों क्रमशः गजोखर, कछिया, विक्रमपुर, जमापुर, गाडर, दीनदाशपुर, कृष्णापुर एवं रामनगर ने टीबी मुक्त होने का दावा पेश किया है। इस क्रम में सोमवार को गजोखर, कछिया एवं दीनदाशपुर ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर सत्यापन किया गया। उन्होंने बताया कि सिर्फ इन्हीं तीन ग्राम पंचायतों में ड्रग सेंसेटिव ट्यूबरक्लोसिस (डीएसटीबी) के कुल चार टीबी मरीज नोटिफ़ाई किए गए हैं। गजोखर में एक टीबी मरीज नोटिफ़ाई हुआ था, जिसका उपचार पूरा हो चुका है। उसे नियमित दवा प्रदान की गई। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान हर माह 500 रुपए भी सीधे बैंक खाते में पहुंचाए गए और पोषण पोटली भी प्रदान की गई। मरीज के घर के सभी सदयों की जांच की गई, जिसमें कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया लेकिन सभी को टीबी से बचाव की दवा (टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) खिलाई गई। इसके अलावा कछिया में दो टीबी मरीज नोटिफ़ाइ किए गए थे, जिनका उपचार पूरा हो चुका है। दोनों मरीजों को सरकार की ओर से दी जा रही समस्त सुविधाओं का लाभ दिया गया। दीनदाशपुर में एक टीबी मरीज का उपचार चल रहा है जो अगले माह पूरा हो जाएगा। उसके घर के सभी सदस्यों की जांच की जा चुकी है, जिसमें कोई पॉज़िटिव नहीं पाया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के आठ ब्लॉक से कुल 46 ग्राम पंचायतों क्रमशः अराजीलाइन से सात, बड़ागांव से पाँच, चोलापुर से दो, चिरईगांव से पाँच, हरहुआ से 10, काशी विद्यापीठ से चार, पिंडरा से आठ व सेवापुरी से पाँच ग्राम पंचायतों ने टीबी मुक्त पंचायत होने का दावा पेश किया है। आगामी दिवसों में सभी ग्राम पंचायतों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य में पंचायती राज विभाग व अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत चिन्हित ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाए जाने के लिए जनपद स्तरीय सत्यापन समिति का गठन किया गया है।

जल्द टीबी मुक्त होंगी जनपद की 46 ग्राम पंचायतें : मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ० संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाए जाने के लिए स्वास्थ्य एवं पंचायती राज विभाग पूर्ण रूप से तैयार व सक्रिय हैं। शासन की ओर से निर्धारित छह मानकों को पूरा कर प्रथम चरण में जनपद की सभी 46 ग्राम पंचायतों को जल्द ही ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत’ घोषित किया जाएगा।

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