वाराणसी। जनपद में वृहस्पतिवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए। गोष्ठी, रैली, शिविर, परिचर्चा इत्यादि गतिविधियों के जरिए जनपदवासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।
इस क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ वरुण के नेतृत्व में जागरूकता रैली और गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब दो से तीन महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब फॉगिंग का कार्य पूरे साल चलेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य टीम सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर वहाँ प्रभावी रोकथाक व नियंत्रण के लिए उचित कार्यवाई का रही हैं। इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी दिवाकर वर्मा, वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन राजेश कुमार, अजय राय, अनिल श्रीवास्तव, राजेश चंद्र, कृष्ण कुमार, विनोद कुमार, राजकुमार, तथा सीफार संस्था की टीम मौजूद थी। गोष्ठी में एएनएम प्रशिक्षण केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मौजूद रहे।
इसके अलावा पिंडरा ब्लॉक के हॉट स्पॉट क्षेत्र गरखरा, बसंतपुर, बराई, हरहुआ ब्लॉक के ग्राम कोइरान में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों को संचारी रोग का कारण और उससे बचाव के लिए जागरूकता के साथ-साथ हीट वेव से कैसे बचे, साफ-सफाई कैसे रखें, इसके बारे में उपस्थित ग्रामवासियों को जागरूकता प्रदान किया गया। इसके साथ ही मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया रोग के लक्षण, कारण, जांच, उपचार, बचाव आदि के बारे में बताया गया। इसके अलावा हरहुआ ब्लॉक के सुतबलपुर समेत अन्य हॉट स्पॉट क्षेत्रों में जलजमाव स्रोत के विनष्टिकरण का कार्य भी किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
क्या करें : मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।