Sat. Apr 27th, 2024

वाराणसी। जनपद में 10 फरवरी से फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए सामूहिक रूप से दवा खिलाने का अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान चोलापुर ब्लॉक एवं जैतपुरा क्षेत्र के पाँच वार्डों क्रमशः रसूलपुरा, ईश्वरगंगी, दारा नगर, बड़ी पियरी व चेतगंज में 28 फरवरी तक चलेगा। इसमें ट्रिपल ड्रग थेरेपी आईडीए यानि तीन दवाओं (आइवर्मेक्टिन, डीईसी, एल्बेण्डाज़ोल) को एक साथ खिलाया जा रहा है। साल में एक बार इन दवाओं के सेवन से फाइलेरिया बीमारी का खतरा नहीं रहता है। अभियान को सफल बनाने और फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से अपील की जा रही है । इस क्रम में वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी समेत जैतपुरा क्षेत्र के पाँच वार्डों के पार्षदों क्रमशः मोहम्मद तैयब एडवोकेट, अर्चना यादव, अवनीश यादव एवं श्रवण कुमार गुप्ता ने जनमानस से अपील की है।

महापौर ने कहा “फाइलेरिया जिसको हम हाथीपांव भी कहते हैं। यह एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है। यह मच्छर के काटने से होती है और इसके लक्षण आने में 10 साल से 15 साल लग जाते हैं। यानि आज संक्रमित मच्छर किसी को काटता है तो इसके लक्षण पता चलने में 10 से 15 साल लग जायेंगे और तब तक बहुत देर हो जाएगी और आपका लसीका तंत्र (लिम्फ़ेटिक सिस्टम) प्रभावित हो चुका होगा। इससे बचाव का एक ही उपाय है। सरकार द्वारा साल में एक बार दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना है”।
उन्होंने कहा “हमारे क्षेत्र चोलापुर ब्लॉक और जैतपुरा के पांच वार्डों क्रमशः रसूलपुरा, बड़ी पियरी, चेतगंज, दारानगर व ईश्वरगंगी में 10 फरवरी से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू होने जा रहा है। मेरी आप सभी से अपील है कि आप लोग इस अभियान को सफल बनाएं । स्वास्थ्य टीम जब आपके घर दवा खिलाने आए। तो उनकी बात मानें । यह दवा खुद खाएं और दूसरों को भी खाने के लिए प्रेरित करें । स्वस्थ रहें और सतर्क रहें” ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि 10 से 28 फरवरी तक ट्रिपल ड्रग थेरेपी आईडीए अभियान संचालित किया जा रहा है जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवा खिला रहे हैं । उन्होंने बताया कि इस अभियान में ‘आइवर्मेक्टिन डीईसी एल्बेण्डाजोल’ तीन दवाओं की आयु के अनुसार निर्धारित खुराक खिलाई जा रही है । यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खिलाना है । शेष सभी लोगों को यह दवा खिलाई जा रही है। दवा खाली पेट नहीं खानी है और दवा की सही खुराक सभी सेवन कर लें इसलिए इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है।

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