वाराणसी। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को सामने घाट स्थित अपना घर आश्रम में जांच, उपचार व परामर्श शिविर लगाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० संदीप चौधरी के निर्देशन में आयोजित इस शिविर में आश्रम के संस्थापक डॉ० निरंजन ने महत्वपूर्ण सहयोग किया। शिविर में लावारिस, अनाथ और असहाय लोगों की टीबी बीमारी के लिए स्क्रीनिंग और जांच की गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० पीयूष राय एवं संस्थापक डॉ० निरंजन की देखरेख में पहले दिन करीब 277 पुरुषों की जांच की गई, जिसमें 18 पुरुषों में टीबी के संभावित लक्षण पाये गए। इन सभी संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों के बलगम एकत्रित कर जांच के लिए भेजे गए हैं। शिविर में ऐसे पाँच टीबी रोगी पाये गए, जिनका पहले से उपचार चल रहा है। इसके साथ ही तीन टीबी रोगी अपना उपचार पूरा कर स्वस्थ हो चुके हैं। बृहस्पतिवार को आश्रम के शेष 167 महिलाओं की स्क्रीनिंग का टीबी की जांच के लिए बलगम एकत्रित किए जाएंगे।
डॉ० पीयूष ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीज यदि अपना सम्पूर्ण उपचार (कोर्स) पूरा करता है। साथ ही प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करता है। धूम्रपान, तंबाकू, शराब आदि के सेवन से दूर रहता है। ऐसे में वह मरीज निर्धारित टीबी के कोर्स तक पूरी तरह ठीक हो जाता है। इस बात का विशेष ख्याल रखना है कि कोई भी टीबी मरीज एक भी दवा खाना न छोड़े। एक भी दिन दवा छूटने से टीबी बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। यदि कोर्स पूरा न किया गया और खानपान में लापरवाही की गई तो टीबी के अलावा अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसके लिए टीबी मरीज और उसके परिजन को बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार की ओर से टीबी मरीज को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
संस्थापक डॉ० निरंजन ने बताया कि आश्रम में समस्त लावारिस, अनाथ और असहाय लोगों की स्वास्थ्य देखभाल व अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही उन्हें ठहरने, खान-पान आदि देखभाल की जाती है। एसटीएस राकेश रोशन व प्रदीप यादव, एसटीएलएस प्रेम प्रकाश यादव, टीबी एचवी अजय यादव ने लोगों की स्क्रीनिंग व जांच की। इस दौरान डॉ बीबी यादव एवं आश्रम का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।