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वाराणसी। डिप्थीरिया (गलघोंटू) की रोकथाम व बचाव के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों को एक नवंबर से डीपीटी व टीडी का टीका लगाने का विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। बैठक में एसीएमओ (प्रतिरक्षण) डॉ एके मौर्य, अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समेत बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल रहे।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि स्कूल आधारित यह विशेष टीकाकरण अभियान एक नवंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। यह अभियान जनपद के समस्त सरकारी व निजी क्षेत्र के स्कूलों में चलेगा। सीडीओ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को निर्देशित किया कि वह समस्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों से संपर्क कर कक्षावार नोडल अधिकारी नामित करें। साथ ही कहा कि सभी स्कूल 30 अक्टूबर (सोमवार) तक अपना-अपना माइक्रोप्लान भेजना सुनिश्चित करें। स्कूल के प्रधानाचार्य व अध्यापक इस अभियान में रुचि दिखाएं, जिससे यह अभियान शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके

सीएमओ डॉ० संदीप चौधरी ने कहा कि अभियान से पूर्व सभी शिक्षक अभिभावक बैठक या स्कूल डायरी के माध्यम से अभिभावकों को अभियान के लिए संदेश प्रसारित कर टीकाकरण के लिए सहमति प्राप्त करना सुनिश्चित कर लें। टीकाकरण के लिये लिखित असहमति व्यक्त करने वाले अभिभावक के बच्चों को छोड़कर शेष का टीकाकरण किया जाएगा। असहमत अभिभावकों को भी उनके बच्चे के टीकाकरण के लिये प्रेरित किया जाए। उन्होंने बताया कि स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान एक से 10 नवम्बर के मध्य गैर टीकाकरण दिवस जैसे दो व तीन नवम्बर एवं छह व सात नवम्बर को समस्त राजकीय एवं निजी स्कूलों में आयोजित किया जायेगा। छूटे हुये विद्यालयों या बच्चों को आच्छादित करने के लिए नौ एवं 10 नवम्बर को टीकाकरण सत्र नियोजित किये जा सकते हैं।

एसीएमओ (प्रतिरक्षण) डॉ० एके मौर्य ने कहा कि कक्षा एक में अध्ययनरत पाँच वर्ष तक के बच्चों को डीपीटी सेकेंड बूस्टर डोज, कक्षा पाँच में अध्ययनरत 10 वर्ष तक के बच्चों को टीडी प्रथम डोज़, कक्षा 10 में अध्ययनरत 16 वर्ष तक के बच्चों को टीडी बूस्टर डोज़ से आच्छादित किया जायेगा। अभियान के दौरान पड़ने वाले नियमित टीकाकरण दिवसों (बुधवार व शनिवार) में सभी स्कूल न जाने वाले एवं अन्य डीपीटी सेकेंड बूस्टर, टीडी प्रथम एवं टीडी बूस्टर डोज़ वैक्सीन से छूटे हुये बच्चों को ड्यू टीके से आच्छादित किया जायेगा। इस अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए बैनर, पोस्टर इत्यादि का प्रयोग किया जाये। प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर एडवर्स इवैंट फोलोविंग इम्यूनाइजेशन (एईएफ़आई) प्रबंधन के लिए आवश्यक किट एवं डीपीटी के पश्चात् बुखार के प्रबन्धन के लिए आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

इसलिए जरूरी है डीपीटी व टीडी का टीका : डॉ मौर्य ने बताया कि डीपीटी यानि डिप्थीरिया, पर्ट्युसिस (काली खांसी) और टिटनेस से अपने बच्चों को बचाने के लिए 16 से 24 माह पर इसकी पहली डोज़ और पाँच से छह वर्ष पर दूसरी या बूस्टर डोज़ अनिवार्य रूप से लगवाएं। इसके साथ ही टीडी यानि टिटनेस डिप्थीरिया से बचाव के लिए इसकी पहली डोज़ 10 वर्ष एवं दूसरी या बूस्टर डोज़ 16 वर्ष पर अनिवार्य रूप से लगवाएं।

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