Mon. May 13th, 2024

वाराणसी। विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला के बाद शुक्रवार को भोर की आरती सकुशल सम्पन्न हुई। आरती देखने वालों की विशाल जनसैलाब देखने को मिला। इस दौरान लीला क्षेत्र जय श्री राम, सिया वर रामचंद्र की जय, हर-हर महादेव की जयकारों से गुंजयमान हुआ।

महीनेभर की रामलीला का पुण्य देती है भोर की आरती

कहते है कि यदि आपने किन्ही करणोंवस महीने भर रामनगर की रामलीला नही देखी या भगवान की आरती भी नही लिया है तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नही है। शुक्रवार की भोर में होने वाली विरलतम भोर की आरती को श्रद्धालुओं ने महीने भर की रामलीला और आरती का पुण्यफल प्राप्त किया। रामनगर की रामलीला की सबसे महत्वपूर्ण आरती भोर की आरती शुक्रवार की सुबह पौ फटते हुई अयोध्या का राजा बनने के बाद प्रभु राजा श्री राम की यह पहली आरती होती है। लिहाजा इस आरती को रामनगर की रामलीला की सबसे महत्वपूर्ण आरती माना जाता है।

दूर-दूर से आते है लोग भोर की आरती देखने

ऐसी मान्यता है कि जिसने महीने पर एक भी आरती नहीं ली हो या रामलीला नही देखी हो सिर्फ भोर की आरती लेने से उसे महीने भर का पुण्य मिल जाता है। गुरुवार की रात्रि में अयोध्या में श्रीराम का राज्याभिषेक की लीला हुई। इसके बाद सारी रात इस राज्याभिषेक की खुशी का जश्न मनता है। सारी रात लोग प्रभु श्रीराम के दर्शन-पूजन करते है। कीर्तन भजन का दौर चलता है। इस जश्न में शामिल होने के लिए रामनगर के लोग रिश्तेदारों को बुलाते हैं। सारी रात रामनगर जागता है। इसके बाद भोर की वह आरती होती है, जिसके लिए लाखों लोग जुटते है। अयोध्या में यह आरती लेने के लिए इतना बड़ा जनसैलाब उमड़ता है कि पुलिस के लिए भीड़ संभालना चुनौती बन जाता है। पूरे महीने रामलीला के दौरान पुलिस को ट्रैफिक संभालने के अलावा कोई काम नहीं होता, लेकिन भोर की आरती की भीड़ संभालना बड़ी चुनौती बन जाता है।

भोर की आरती देखने कुंवर अनंत नारायण सिंह भी पंहुचते है अयोध्या…

श्रीराम राज्यभिषेक की लीला और भोर की आरती देखने कुंवर अनंत नारायण सिंह भी अयोध्या पहुंचते हैं और आरती लेते हैं। भोर की आरती के लिए आसपास के छतों पर स्थान के लिए लोगों ने जुगाड़ लगाने शुरू कर देते हैं। इधर श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में रामनगर में आज सचमुच दीवाली मनाई गई। रामनगर किले के मुख्यद्वार पर भव्य विद्युतीय झालरों से सजावट की गई तो बटाऊबीर से चौक तक घरों पर दीप जलाए गए और सजावट की गई। जगह-जगह पुष्पक विमान से आ रहे प्रभु श्रीराम की आरती उतारी गई। भरत मिलाप की लीला देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। तिल रखने को भी जगह नहीं बची थी। शुक्रवार को भोर की आरती के बाद रामनगर किले में अवस्थापित दक्षिणमुखी हनुमान का दर्शन भी सुलभ हो सकेगा। काले पत्थरों की यह विरल प्रतिमा भारत में अन्यत्र कहीं भी नहीं है।

वर्ष में 1 बार खुलता है दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर का पट

श्रीरामराज्यभिषेक की खुशी के उपलक्ष्य में साल में सिर्फ एक दिन ही इस प्रतिमा को आम लोगों के दर्शनार्थ खोला जाता है। शुक्रवार की सुबह नौ बजे के बाद से दक्षिणमुखी हनुमान के दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो चुका है। वही हनुमान जी के दर्शन प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग चुकी है।

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