Mon. May 13th, 2024

वाराणसी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिए मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। सीएमओ डॉ० संदीप चौधरी के निर्देशन में आयोजित हुई इस बैठक में निजी क्षेत्र की सम्बद्ध चिकित्सा इकाइयों व सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय एवं क्षमता वर्धन पर जोर दिया गया। सेवा प्रदान करने से पहले लाभार्थियों से सहमति लेने पर भी ज़ोर दिया।

बैठक में डिप्टी सीएमओ (आरसीएच) डॉ० एचसी मौर्य एवं जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) संतोष कुमार सिंह ने समस्त निजी चिकित्सालयों से कहा कि हर माह की 21 से 25 तारीख तक राज्य स्तरीय हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर परिवार नियोजन कार्यक्रम की समस्त स्थायी व अस्थायी सेवाओं का डाटा अनिवार्य रूप से फीड करें, जिससे समस्त डाटा अपलोड किया जा सके। मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में परिवार नियोजन की सेवा लेने वाले लाभार्थियों की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग व डाटा फीडिंग, एचएमआईएस पोर्टल पर समय से हो तो जनपद में गुणवत्तापूर्ण सेवायें प्रदान की जा सकेंगी और रैंकिंग में भी सुधार होगा।

उन्होंने निजी क्षेत्र के समस्त चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों से कहा कि परिवार नियोजन पोस्टर, आईईसी व परामर्श के प्रदर्शन के लिए अस्पताल में जगह बनाएं, कंडोम बॉक्स स्थापित करें, सेवाओं और रिपोर्टिंग के लिए रिकॉर्ड बनाकर रखें, माह में एक बार निजी चिकित्सालयों के कर्मी शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण दिवस सत्र पर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करें, उच्च मात्रा की सुविधाओं के लिए लोगों को प्रशिक्षित करें।

पीएसआई संस्था की सुब्रा त्रिवेदी ने हाई इंपैक्ट इंटरवेंशन जैसे क्षमता वर्धन, डेटा फॉर डिसिजन मेकिंग और प्रसव पश्चात परिवार नियोजन पर फोकस करने का सुझाव दिया। पीएसआई की कृति पाठक ने कहा कि निजी अस्पताल सेवा प्रदान करने के साथ-साथ उसकी प्रतिमाह रिपोर्टिंग भी करें, जिससे जिले में परिवार नियोजन सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके और जिले का सूचकांक भी बेहतर हो सकें। साथ ही फेमिली प्लानिंग कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लाभार्थी की काउंसलिंग करना बेहद अहम है। मरीज को परिवार नियोजन के साधन देने से पहले, साधन के चयन के बाद और फॉलोअप काउंसलिंग करना जरूरी है। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निजी क्षेत्र में आए परिवार कल्याण कार्यक्रम में हुये गुणवत्तापूर्ण सुधार एवं नवीन एचएमआईएस पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इसके अतिरिक्त बैठक में गुड सेमिटरिन (नेक आदमी) के ध्यान देने योग्य बातें को लेकर निजी चिकित्सालयों में डिस्प्ले करने के लिए कहा गया। इसके साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया और उसके सीआरएस पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी गई। निजी चिकित्सालयों के पंजीकरण नंबर एवं सिटीजन चार्टर को डिस्प्ले करने पर भी ज़ोर दिया।

यह मीटिंग ‘दी चैलेंज इनिशिएटिव’ पॉपुलेशन सर्विसेज़ इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से आयोजित की गई। इस अवसर पर एसीएमओ राजेश प्रसाद, एसीएमओ डॉ निकुंज कुमार, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डीपीएम संतोष कुमार सिंह, पीएसआई से अखिलेश, यूपीटीएसयू से डीएफ़पीएस एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

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